
Google ने कर्मचारियों को निकाला :- Google ने बुधवार को 28 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया. ये सभी प्रोजेक्ट निंबस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, जो कि इजराइल सरकार के साथ $1.2 बिलियन का क्लाउड कॉन्ट्रैक्ट है, जिसमें अमेजन भी शामिल है. दोनों कंपनियों के कर्मचारियों ने दावा किया है कि यह डील इजरायल के सुरक्षा तंत्र को एडवांस्ड तकनीक उपलब्ध कराता है, जो गाजा और वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनियों की हत्या या उन्हें हानि पहुंचाने में योगदान दे सकता है. इंटरसेप्ट और टाइम ने बताया है कि प्रोजेक्ट निंबस ऐसी सर्विसेस प्रदान करता है जिनका उपयोग इजराइल रक्षा बलों द्वारा किया जा सकता है.
10 घंटे तक चले गूगल के सभी दफ्तरों में प्रदर्शन :-
बीते बुधवार को नो टेक फॉर रंगभेद संगठन के नेतृत्व में ये विरोध प्रदर्शन अमरीका (USA) के न्यूयॉर्क शहर, सिएटल और सनीवेल, कैलिफ़ोर्निया में गूगल के दफ्तरों में हुआ यहां करीब 10 घंटे तक कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार कर धरना दिया. इस पूरे प्रदर्शन को लाइव स्ट्रीम भी किया गया. मामला बढ़ता देख गूगल (Google) ने पुलिस को बुलाया जिसके बाद नौ कर्मचारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
BREAKING — Google fires 28 workers in indiscriminate act of mass retaliationhttps://t.co/R8JwpufBTp pic.twitter.com/FZdaySmti1
— No Tech For Apartheid (@NoTechApartheid) April 18, 2024
आखिरकार क्या चाहते हैं ये प्रदर्शनकारी? जानिए :-
प्रदर्शनकारियों में से एक कर्मचारी ने बताया कि वह नौकरी नहीं खोना चाहती पर जब से इजरायल और ईरान युद्ध हुआ है तब से काम पर लौट पाना काफी कठिन होता है. चिताएं काफी ज्यादा रहती हैं. ऐसे में कर्मचारी निंबस डील तोड़ने की मांग कर रहे हैं और इस प्रॉजेक्ट पर काम करने वाले कई कर्मचारियों ने इस्तीफे की पेशकश भी की है.
कंपनी ने दी चेतावनी :-
“नो टेक फॉर अपारथाइड” नामक समूह ने कहा, “गूगल कर्मचारियों को हमारे श्रम के नियमों और शर्तों के बारे में शांतिपूर्ण विरोध करने का अधिकार है. नौकरी से निकालना बदले की कार्रवाई है.” कंपनी ने बताया कि इसने जांच के बाद ऐसी शरारतपूर्ण गतिविधियों में संलिप्त 28 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का फैसला किया है. अगर जरूरत पड़ी तो कंपनी और भी कर्मचारियों को नौकरी से निकालेगी.