
रायपुर, छत्तीसगढ़ के चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा राज्य के सरकारी महाविद्यालयों और अस्पतालों में मीडिया सेंसरशिप दिशा निर्देश को आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल साहू ने तानाशाही आदेश बताया है। उन्होंने कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है उस पर इस तरह का प्रतिबन्ध विभाग की संकुचित मानसिकता बतलाता है। आखिर सरकारी अस्पतालों में पत्रकारों को सरकार क्यों नहीं जाने देना चाहती, आखिर ऐसा कौन सा डर है जिसके उजागर होने से सरकार घबराती है। जब मेकाहारा में पत्रकारों पर हमला हुआ था तब स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने तो आपराधिक तत्वों को मिट्टी में मिलाने का वादा किया था। पत्रकारों को काम करने और सच दिखाने से नहीं रोका जाएगा, इसका वादा किया था,पर किया क्या मीडिया पर ही पाबंदी लगा दी!स्वास्थ्य विभाग भ्रष्टाचार में सबसे बदनाम विभाग है। यह आदेश निश्चित तौर पर भ्रष्टाचार और अनैतिक कार्यों पर पर्दा डालने की एक नाकाम कोशिश है। इस आदेश से तय हो गया है कि छत्तीसगढ़ का स्वास्थ्य विभाग बीमार है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार और चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों की गलतफहमी है कि इस तरह की पाबंदी से जनहित की खबरों को दबा देंगें। छत्तीसगढ़ सरकार की इस मीडिया सेंसरशिप पर आम आदमी पार्टी कड़ा ऐतराज जताती है।