नई दिल्ली :- हिंदू धर्म में बहुत से पेड़ पूजनीय होते हैं उन्हीं में से आज एक पेड़ के बारे में हम बात करने जा रहे हैं जिसको घर में लगाने से जहां सुख शांति और समृद्धि आती है, तो वहीं यह पौधा आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाता. हम बात कर रहे हैं ब्रहम कमल पौधे की जिसे उत्तराखंड राज्य का पुष्प वृक्ष घोषित किया गया है. ब्रह्म कमल के वृक्ष पर 10 साल से 100 साल के बीच में मात्र एक बार सफेद रंग का गुलाब की तरह दिखाई देने वाला फूल आता है. यह पौधा हिमालय की तराई वाले क्षेत्रों में पाया जाता है.
औषधीय गुणों से है भरपूर :- ब्रह्म कमल पुष्प को काफी पवित्र माना जाता है. इसके पुष्प काफी औषधियों गुणों वाले होते हैं. और इसके पुष्प कई बीमारियों में रामबाण का काम भी करते हैं. ब्रह्म कमल का पुष्प मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी काफी फायदेमंद माना जाता है. साथ ही इसको लक्ष्मी जी का प्रतीक भी कहा जाता है. इस पौधे को घर में लगाने से जहां फूल घर में शांति, संतुलन, सद्भाव, और सकारात्मकता लाता है. यह पौधा पुष्प अपने पर आर्थिक तंगी से छुटकारा दिलाता है. ब्रह्म कमल को कई अनेकों प्रकार के नामों से भी जाना जाता है, जैसे कि सोसेरिया ओबोवेलाटा, हिमाचल में इसे दूधाफ़ूल कहते हैं, कश्मीर में इसे गलगल कहते हैं, जबकि उत्तर-पश्चिमी भारत में इसे बरगनडटोगेस कहते हैं.

भाग्यशाली माना जाता है ब्रह्म कमल :- प्राकृतिक कुंज से आचार्य राजेंद्र अटल ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि ब्रह्म कमल एक आध्यात्मिक पौधा है और सबसे बड़ी विशेषता ब्रह्म कमल पौधे की यह है कि उत्तराखंड राज्य का राज्य पुष्प इसको घोषित किया गया है. इसके बावजूद भी यह बहुत कम उपलब्ध हो पाता है. इस पौधे की विशेषता यह है कि यह बड़ा ही भाग्यशाली पौधा है.
मां लक्ष्मी का है प्रतीक :- घर के प्रांगण में अगर इसको लगाया जाए, तो घर में सुख शांति और धन की बरसात होती है. ब्रह्म कमल पौधे की मान्यता है कि 10 साल से 100 साल के बीच में इस पर मात्र एक बार फूल आता है और यह बरसात के मौसम में खिलता है. गुलाब की तरह दिखाई देने वाला सफेद रंग का इसका फूल होता है, जो कि मां लक्ष्मी का प्रतीक है. साथ ही आयुर्वेद में भी इस पौधे की काफी महत्वता है. मुख्य रूप से इसको धनदाई और भाग्यशाली पौधा माना गया है.
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