एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन में परेशानी हो रही सरकार सोसायटी में पंजीयन कराये
 
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि धान खरीदी के लिए अनिवार्य किए गए एग्री स्टेक पोर्टल में पंजीयन की तिथि भले ही अक्टूबर माह तक बढ़ा दी गयी है, लेकिन पोर्टल में किसानों का पंजीयन नहीं हो पा रहा है। अभी तक पूरे किसानों का पंजीयन नहीं हुआ है, पिछले साल के मुकाबले 5 लाख किसान पंजीयन से वंचित है। पिछले साल 28 लाख किसानों ने धान बेचा था। परंपरागत रूप से यदि 10 प्रतिशत किसान भी बढ़ते है तो इस साल 31 लाख किसान धान बेचेंगे। एग्री स्टेक पोर्टल में आने वाली दिक्कतों पोर्टल बंद रहने, डाटा की गड़बड़ियों खसरा खतौनी में मिलान नहीं होने से बहुत से किसानों का पंजीयन नहीं हो पाया है। जिनका पंजीयन पोर्टल से नहीं हो रहा उनका पंजीयन सोसायटियों में करने की वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। धान खरीदी की तिथि तक जिनका पंजीयन नहीं हुआ है, उनको संबधित सोसायटी में पंजीयन कराने का अवसर दिया जाये।
 
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि जिन किसानों ने धान बेचने के लिए एग्री स्टेक पोर्टल में पंजीयन करवा लिया है सरकार ने उनके लिए नया नियम बना दिया कि उन्हें अब सोसायटियों में रकबा सत्यापन कराना होगा। गिरदावरी डिजिटल क्राप सर्वे के बाद भी रकबा सत्यापन करने किसानों को परेशान करने के लिए अनिवार्य किया गया है। सरकार को किसानों पर भरोसा नहीं है किसान झूठ बोलकर धान बेचेंगे क्या? सरकार किसानों का पूरा धान खरीदना नहीं चाहती इसलिए तमाम नियम कायदे बना कर परेशान किया जा रहा है।
 
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार दुर्भावना पूर्वक किसानों के लिए लगातार कठिनाई पैदा कर रही है ताकि समर्थन मूल्य पर कम से कम धान खरीदना पड़े। पूरे प्रदेश में खाद बीज का संकट है, दुगुने-तिगुने दाम पर डीएपी और यूरिया की कालाबाजारी सर्वविदित है। अब एग्री स्टैक पोर्टल में पंजीयन की अनिवार्यता और प्रक्रियागत खामियों के चलते खुद ही समस्या पैदा करके समर्थन मूल्य में धान खरीदी से बचना चाह रही सरकार पिछले वर्ष के धान का निराकरण नहीं कर पाई है सरकार एक साल में ही 3100 में धान खरीदने में हांफ गई है।
        
            
                            
                        
	            
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