पटना। बिहार चुनाव से पहले राज्य के सबसे बड़े सियासी घराने में अनबन की अटकलें काफी तेज हैं। यह तो जगजाहिर है कि कुछ समय पहले लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था। अब लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य को लेकर यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वो परिवार से नाराज चल रही हैं। दरअसल सोशल मीडिया पर रोहिणी आचार्या ने हाल ही में सफाई दी थी कि वो राज्यसभा में जाने का लोभ नहीं रखती हैं। अब रोहिणी आचार्या ने सोशल मीडिया साइट पर कुछ ऐसा लिखा है जिससे उनकी नाराजगी की बातों को बल मिलने लगा है।
रोहिणी आचार्या ने लिखा, ‘मेरी खुली चुनौती है सभी गंदी सोच रखने वालों और ऐसे लोगों को शह दे रहे तमाम लोगों को कि “कोई अगर ये साबित कर दे कि मैंने अपने या किसी और के लिए भी कभी कुछ व् कोई मांग “किसी” के पास रखी और अपने आदरणीय पिता को मेरे द्वारा अपनी किडनी दिया जाना झूठ है , तो राजनीतिक व् सार्वजनिक जीवन से खुद को अलग कर लूँगी” …

साथ ही दोषारोपण करने वाले अगर अपना झूठ – दुष्प्रचार साबित नहीं कर सके , तो उनमें भी इतना साहस होना चाहिए कि वो सब के सब ‘जिस किसी’ के भी कहने पर ऐसा कर – कह रहे हैं उसके साथ सार्वजनिक तौर पर मुझसे और देश की हर माँ – बहन – बेटी से ये कहते हुए माफी मांगें कि “भविष्य में वो कभी किसी माँ – बहन – बेटी के बारे में कोई अपमानजनक और झूठी बात नहीं कहेंगे और फैलाएंगे।’
लालू, राबड़ी और तेजस्वी को किया अनफॉलो
आपको बता दें कि हाल ही में रोहिणी आचार्या ने सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर अपने पिता लालू प्रसाद यादव, माता राबड़ी देवी, भाई तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव समेत राजद के कई नेताओं को अनफॉलो कर दिया था। रोहिणी ने तेजस्वी यादव की सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां को गाली दिए जाने की निंदा की थी।
मेरे लिए आत्मसम्मान सर्वोपरि- रोहिणी
21 सितंबर को रोहिणी ने फेसबुक पर लिखा था, ‘ट्रोलर्स, उद्दंडों, पेड – मीडिया एवं पार्टी हड़पने की कुत्सित मंशा रखने वालों के द्वारा फैलाये जा रहे तमाम अफवाह निराधार और मेरी छवि को नुकसान पहुँचाने के मकसद से किए जा रहे दुष्प्रचार का हिस्सा हैं .. मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा न कभी रही थी , न है और ना ही आगे रहेगी , न मुझे खुद विधानसभा का प्रत्याशी बनना है , ना ही किसी को विधानसभा का प्रत्याशी बनवाना है , न राज्यसभा की सदस्य्ता की मेरी कोई आकांक्षा है , न ही परिवार के किसी भी सदस्य से मेरी किसी भी प्रकार की प्रतिद्वंदिता है और ना ही पार्टी या भविष्य में बनने वाली किसी भी सरकार में किसी पद की कोई लालसा है ..मेरे लिए मेरा आत्मसम्मान, मेरे माता – पिता के प्रति सम्मान व् समर्पण , मेरे परिवार की प्रतिष्ठा ही सर्वोपरि है।’
About The Author


 
 
 
 
 




