अम्लेश्वर। दुर्ग। छत्तीसगढ़ कृषि स्नातक शासकीय कृषि अधिकारी संघ द्वारा शासन को पत्र प्रेषित कर हड़ताल में जाने की पूर्व सूचना दी है। पूरे छत्तीसगढ़ में कार्यरत ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एवं कृषि विकास अधिकारी अपनी नौ सूत्रीय लंबित मांगों की पूर्ति हेतु अब लामबंद होकर शासन का विरोध प्रदर्शन करेंगे।
संघ के प्रांत अध्यक्ष लिखेश वर्मा ने बताया कि विगत कई वर्षों से लगातार शासन प्रशासन से अपनी विभिन्न मांगों को पूरा करने हेतु ज्ञापन दिया जाता रहा है परंतु मांगें पूरी नहीं की जा रही है जिस कारण कृषि विभाग में कार्यरत सभी ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एवं कृषि विकास अधिकारियों में अत्यधिक रोष व्याप्त है।

विगत दिनों आयोजित प्रान्त की बैठक में सभी जिला अध्यक्षों एवं सदस्यों द्वारा मांगों की पूर्ति हेतु चरणबद्ध आंदोलन करने का प्रस्ताव पारित किया गया है।
चरणबद्ध आंदोलन 8 सितंबर से 23 सितंबर तक पूरे छत्तीसगढ़ में होगा जिसमें 8 एवं 9 सितंबर को काली पट्टी लगाकर कार्य करेंगे, दूसरे चरण में 15 सितंबर को भोजन अवकाश में सभी जिला विकासखंड एवं तहसील स्तर पर माननीय मुख्यमंत्री जी एवं माननीय कृषि मंत्री जी को एसडीएम/ तहसीलदार/ कलेक्टर के माध्यम से मांगों की पूर्ति हेतु ज्ञापन सौंपा जाएगा साथ ही 15 सितंबर से ही सभी ऑनलाइन कार्य नहीं किए जाएंगे।
तीसरे चरण में 23 सितंबर को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन हर जिला में आयोजित होंगे तथा उसी दिन रैली निकालकर कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री जी को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
प्रांतीय उपाध्यक्ष निशांत मिश्रा, रथींद्र बनर्जीं, संतोष ओहदार ने बताया कि 9 सूत्रीय लंबित मांगों में :-
- वेतनमान संशोधन 4300 ग्रेड पे,
 - ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एवं कृषि विकास अधिकारियों के कार्यक्षेत्र का पुनर्निर्धारण,
 - मासिक स्थाई भत्ता में वृद्धि कर ₹2500 प्रति माह करना,
 - विभागीय कार्य संपादन के लिए मोबाइल इंटरनेट कंप्यूटर प्रिंटर स्टेशनरी इत्यादि के लिए संसाधन भत्ता,
 - विभागीय अमले की कमी के कारण अतिरिक्त प्रभार दिए जाने की स्थिति में सामानजनक अतिरिक्त क्षेत्रीय भत्ता,
 - मध्यप्रदेश शासन की तर्ज पर ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी पद नाम के कृषि विस्तार अधिकारी करना,
 - कृषि आदान सामग्री लैंपसों में भंडारण करने एवं डीपीटी प्रणाली लागू करने,
 
ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी पद में पदोन्नती पुन प्रारंभ करने, गैर विभागीय कार्यों जैसे फसल गिरदावरी, डिजिटल क्रॉप सर्वे, सड़कों को मवेशी मुक्त करने गठित दल, ग्राम पंचायत सचिव, ग्राम पंचायत नोडल अधिकारी, धान उपार्जन केंद्र प्रभारी अधिकारी, ट्रस्टेड पर्सन, नोडल अधिकारी, नाका जांच प्रभारी, निगरानी समिति, नियत नेल्लानार, परीक्षा केंद्रों में पर्यवेक्षक, आब्जर्वर कार्य, बस्तर पाण्डुम, आँगनबाड़ी निरीक्षण, पूरक पोषण अहार, पीएम आवास सर्वे, पीएम आवास नोडल अधिकारी, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, आयुष्मान कार्ड वंदन, एग्री स्टेक इत्यादि में ड्यूटी नहीं लगाया जाना शामिल हैं।
प्रांतीय महामंत्री मोहित जैन एवं दीपक पटेल ने कहा कि हमारे संघ द्वारा पूर्व में प्रांत स्तरीय ही प्रदर्शन किए।
लेकिन समस्याओं का समाधान नहीं हुवा, इस बार हम जिला में, विकास खंड में भी विरोध प्रदर्शन करके शासन प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। सितंबर माह के इस आंदोलन से भी मांगों का निराकरण नहीं होने पर हमारा संघ उग्र आंदोलन हेतु बाध्य होगा।
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