
नई दिल्ली :- अब आपको कुरियर भेजने के लिए पिन कोड्स की जरूरत नहीं होगी। भारतीय पोस्ट ने DIGIPIN सर्विस लॉन्च की है, जो आपके लोकेशन को-ओर्डिनेट्स के आधार पर डिजिटल पिन कोड जेनरेट कर देगा। इस डिजिटल पिन कोड सर्विस का फायदा ये होगा कि इसमें आपका कुरियर सही पते पर पहुंचेगा। आप अपना डिजिपिन कैसे प्राप्त कर सकते हैं और यह कैसे काम करेगा? आइए विस्तार से जानते हैं…
क्या है DIGIPIN..?
भारतीय डाक भी अब पूरी तरह से डिजिटल होने जा रहा है। इंडिया पोस्ट की डिजिटल पिन कोड सर्विस के लिए डेडिकेटेड वेबसाइट लॉन्च किया गया है। इस वेबसाइट के जरिए यूजर्स अपने अड्रेस का डिजिटल पिन कोड जेनरेट कर सकेंगे। ये DigiPin एक यूनीक 10 डिजिट के अल्फा न्यूमैरिक कोड्स होते हैं। ये कोड्स आपके घर या दफ्तर के पते के लोकेशन को-ओर्डिनेट्स पर आधारित होते हैं।
कुरियर और पार्सल के अलावा डिजिपिन का इस्तेमाल इमरजेंसी सर्विसेज के लिए भी किया जा सकेगा। आप अपने डिजिपिन का इस्तेमाल करके इमरजेंसी की स्थिति में पुलिस, एंबुलेंस या फायर सर्विस को तुरंत मदद के लिए बुला सकते हैं। आपको इमरजेंसी सर्विसेज को अपना डिजिपिन शेयर करना होगा। डिजिपिन की मदद से आपका पता लोकेट करने में एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड या पुलिस को आसानी होगी।
कैसे जेनरेट करें DIGIPIN..?
अपने अड्रेस का डिजिपिन जेनरेट करने के लिए आपको आधिकारिक वेबसाइट https://dac.indiapost.gov.in/mydigipin/home पर जाना होगा। यहां आपको अपने डिवाइस का लोकेशन एक्सेस देना होगा, ताकि आपकी एक्जैक्ट लोकेशन के आधार पर डिजिपिन क्रिएट किया जा सके।
लोकेशन परमिशन देने के बाद आपका डिजिपिन जेनरेट हो जाएगा, जिसे आप इमरजेंसी सर्विसेज, लॉजिस्टिक, कुरियर डिलिवरी यहां तक की कैब बुक करने में भी यूज कर सकते हैं।
इंडिया पोस्ट के मुताबिक, DIGIPIN को तैयार करने में IIT हैदराबाद, NRSC और ISRO का अहम योगदान रहा है। इनकी वजह से 4mx4m की ग्रिड में घर, दफ्तर, संस्थान आदि के प्रिसाइज लोकेशन का डिजिपिन जेनरेट करना आसान हो गया। हर ग्रिड को एक यूनीक अल्फान्यूमैरिक 10 कैरेक्टर वाले पिन कोड दिया गया, जो उस लोकेशन के को-ओर्डिनेट्स पर बेस्ड थे। यह DIGIPIN मौजूदा पिन कोड्स से पूरी तरह अलग होगा।
डिजिपिन क्या है :-
पिन कोड से कितना है अलग..?
मौजूदा पिन कोड एक बड़े एरिया के आधार पर बनाए गए हैं, जबकि डिजिपिन में प्रिसाइज लोकेशन को रखा गया है। भारत के सभी पोस्ट ऑफिस के आधार पर 6 डिजिट्स के पिन कोड होते हैं, जबकि DigiPin में 10 कैरेक्ट होंगे, जिनमें अल्फाबेट्स और नंबर का मिश्रण होगा। यह प्रिसाइज होता है, जिसकी वजह से लोकेशन को ढूंढना आसान हो जाता है। इस डिजिटल पिन कोड की खास बात यह है कि इसे ऑफलाइन भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
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