
नई दिल्ली :- दुनिया के सबसे खतरनाक द्वीपों में से एक भारत में है। इस द्वीप की स्थिति का अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि यहां पर्यटकों के आने पर भी प्रतिबंध है। ये हिंद महासागर में सबसे अलग-थलग पड़ा एक द्वीप है, जिसका नाम ‘नॉर्थ सेंटिनल आईलैंड’ है। यह द्वीप भारत के सुदूर अंडमान और निकोबार श्रृंखला में आता है। इसे भारत ही नहीं धरती का सबसे खतरनाक द्वीप माना गया है। यहां लोग जाते नहीं है इसलिए लोगों को नॉर्थ सेंटिनल द्वीप के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी भी नहीं है। सेंटिनल द्वीप के तीन मील के दायरे में आना भी अवैध माना जाता है। बांग्लादेश से ऑस्ट्रेलिया तक मुर्गी का चारा ले जाते समय इस द्वीप पर फंस गई थी। नाव पर मौजूद लोगों ने द्वीप पर लकड़ी से बने हथियारों के साथ करीब 50 लोगों को देखा तो उन्होंने अपनी आपबीती सुनाई। खुशकिस्मती से इनको मारा नहीं गया और
बहुत कम लोग इस द्वीप से सुरक्षित लौटे :- इस द्वीप पर जाने वाले लोगों का केवल एक छोटा समूह ही ऐसा है, जो वहां से वापस जिंदा लौटा है। ये ग्रुप और इसकी कहानी बताने के लिए जीवित रहा है। साल 1981 में एक नाव प्राइमोज बांग्लादेश से ऑस्ट्रेलिया तक मुर्गी का चारा ले जाते समय इस द्वीप पर फंस गई थी। नाव पर मौजूद लोगों ने द्वीप पर लकड़ी से बने हथियारों के साथ करीब 50 लोगों को देखा तो उन्होंने अपनी आपबीती सुनाई। खुशकिस्मती से इनको मारा नहीं गया और प्रिमरोज पर मौजूद दल को कई कोशिश के बाद हेलीकॉप्टर की मदद से निकाल लिया गया।
इस द्वीप पर जो भी स्थानीय लोगों की इच्छा के खिलाफ घुसने की कोशिश करते हैं, उनका कड़ा विरोध सहना पड़ता हैं। ये लोग पहले पीठ के बल बैठकर अनचाहे मेहमानों को वापस जाने का इशारा करते हैं और फिर भी कोई ना लौटे को तीर चला देते हैं। दरअसल यहां रहने वाले सेंटिनलीज शिकारियों का एक समुदाय है जो बाहरी दुनिया से अलग-थलग रहते हैं। ये झोपड़ियों में रहते हैं और हर समय धनुष-तीर और भाले अपने साथ लेकर चलते हैं।
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