
राजनांदगांव :- जिला प्रशासन अब तक चिटफंड कंपनियों से निवेशकों की रकम वसूलने में नाकाम रहा है। वहीं जो रकम कंपनियों से वसूल ली गई है, उसे भी अब तक निवेशकों को नहीं लौटाया गया है। इधर निवेशक दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन प्रशासन है कि कंपनी से थोड़ी बहुत जो रकम वसूली गई है उसे भी लौटाने में टालमटोल कर रहा है। सहारा इंडिया कंपनी के निवेशकों की लगभग 1 करोड़ 25 लाख की राशि प्रशासन के खाते में जमा है, जिसके लिए निवेशक लगातार दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनके हाथ सिर्फ निराशा ही लग रही है।
सहारा इंडिया के निवेशक शेष नारायण देवांगन ने बताया कि राजनांदगांव जिले से लगभग 500 करोड़ का निवेश किया गया है, वहीं प्रदेश भर में 15 हजार करोड़ रुपये से भी अधिक रकम जमा किया गया है। निवेशकों की शिकायत पर पिछली सरकार ने साल 2022 में सहारा कंपनी के 4 डायरेक्टरों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया। इसके बाद उन डायरेक्टर्स को जमानत इसी शर्त पर दी गई कि वे निवेशकों को कुछ राशि तुरन्त लौटाए और बाकी की राशि समय-समय पर देते रहें। शुरुआत में कंपनी ने 5 करोड़ रुपये आरटीजीएस के माध्यम से राजनांदगांव जिला प्रशासन के खाते में जमा कराया और 10 करोड़ रुपये के चेक जमा कराया। आरटीजीएस के माध्यम से 5 करोड़ रुपये प्रशासन के खाते में आ गया और कंपनी के डायरेक्टर्स को जमानत भी मिल गई, लेकिन उसके बाद 10 करोड़ रुपये के चेक बाउंस हो गए। इसके बावजूद प्रशासन द्वारा कंपनी के डायरेक्टर्स के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहीं सहारा इंडिया कंपनी के निवेशक आज भी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं।
आरोप : प्रशासन ने खाते में जमा राशि अब तक नहीं बांटी :- समय के चिटफंड कंपनियों से निवेशकों की पूरी रकम लौटने की कवायद तो ठंडे बस्ते में चली ही गई, लेकिन आज 2 साल बाद भी लगभग 1 करोड़ 25 लाख जो प्रशासन के खाते में जमा है, वह भी नहीं बांटी गई है। निवेशकों का कहना है कि हम लगातार एसडीएम, कलेक्टर, एसपी के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं और राशि लौटाने की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन दो साल बाद भी निवेशकों का हाथ खाली है। परेशान निवेशक सरकार के खिलाफ आंदोलन करने की रणनीति बना रहे हैं।
दोगुने के झांसे में आए थे ज्यादातर किसान :- शहर सहित जिले में कई चिटफंड कंपनियों ने कारोबार किया था। हजारों लोगों के करोड़ों रुपए जमा कराए, लेकिन जब देने की बारी आई तो कंपनियां चंपत हो गई। अब निवेशक अपने रुपए लेने के लिए भटक रहे हैं। चिटफंड कंपनी में फंसे लोगों में ज्यादातर संख्या किसानों की है। कंपनियों के कई एजेंट गांव-गांव में नियुक्त किए गए थे। सभी को दोगुना पैसा दिलवाने का झांसा देकर लाखों किसानों से जमा पूंजी निवेश करा दिए। मेच्योरिटी का समय होने से पहले कंपनी के डायरेक्टर फरार हो गए। इसके बाद निवेशकों को धोखाधड़ी के बारे में पता चला।
घर घर जाकर थोड़ी लौटाएंगे : SDM :- इस संबन्ध में एसडीएम अतुल विश्वकर्मा ने बताया कि- सहारा कंपनी के निवेशकों को 5 करोड़ 25 लाख रुपये में से 4 करोड़ रुपये लौटाया जा चुका है, प्रशासन के खाते में 1 करोड़ 25 लाख बचा हुआ है। जब उनसे पूछा गया कि बाकी रकम निवेशकों को क्यों नहीं दी गई तो उन्होंने कहा कि निवेशकों को घर जाकर रकम लौटाने का काम हमारा नहीं है।
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