
छत्तीसगढ़ :-हाल ही में प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा ने पुलिस विभाग में उर्दू ,अरबी, फारसी के शब्दों की जगह हिन्दी के शब्दों का उपयोग किए जाने का आदेश जारी किया है। लोग अब राजस्व विभाग में भी इसी तरह परिवर्तन की उम्मीद में हैं। राजस्व विभाग में आजादी के 75 साल से अधिक बीत जाने के बाद भी उर्दू, अरबी , फारसी के शब्दों की जगह हिन्दी के शब्दों का प्रयोग शुरू नहीं किया जा सका है। इसके चलते अभी भी राजस्व अभिलेखों में खसरा, रकबा, मसाहती ग्राम, फौती, फर्द, गोश्वारा, वाजिब उल अर्ज, चांदा , मुनारा, तफसील, इंद्राज, बयशुदा, साकिन, खसरा पांचसाला, मुनादी, तामिल, परवाना , बेवा, जैसे शब्दों का प्रयोग होता है जो आम आदमी की समझ से बाहर है।
ऐसे में लोग अब इन शब्दों के बजाय हिन्दी का उपयोग राजस्व अभिलेखों में किए जाने की मांग करने लगे हैं। नजूल, नाजीर जैसे शब्द सुनकर पढ़ा लिखा व्यक्ति भी चकरा जाता है। पुलिस विभाग में उर्दू, अरबी , फारसी के शब्दों की जगह हिन्दी के शब्दों का उपयोग किए जाने के आदेश के बाद लोगों की उम्मीद जगी है। खोखरा के किसान राधेश्याम कहरा का कहना है कि उर्दू , अरबी के शब्द समझ में नहीं आते इसकी जगह हिन्दी के शब्दों का उपयोग होना चाहिए। ग्राम खपराडीह के किसान देवचरण मधुकर का कर का कहना है कि जरीब, चांदा, मुनारा जैसे शब्द लोगों के समझ से बाहर है इसलिए इन शब्दों की जगह हिन्दी के शब्दों को प्रचलन में लाया जाना चाहिए। इससे लोग राजस्व विभाग की शब्दावली को आसानी से समझेंगे और उन्हें परेशानी नहीं होगी। अकबर के जमाने से प्रचलन में हैं शब्द राजस्व अभिलेखों में उर्दू, अरबी और फारसी के शब्दों का चलन 16 वीं सदी से चला आ रहा है।
गुलाम भारत में राजस्व रिकार्ड दर्ज करने की व्यवस्था अकबर के शासन काल में शुरू हुई और उनके नवरत्नों में शामिल राजा टोडरमल ने सबसे पहले जमीन की पहचान देने के लिए उसे नंबर देने की व्यवस्था की। अंग्रेजों के जमाने में भी कई भू सुधार कानून लागू हुए मगर ये शब्दावली यथावत रहे जो आज तक जारी है। सरकार ने भी इस ओर ध्यान अब तक नहीं दिया है। हेक्टेयर के पैमाने से भी भ्रम किसानों के किसान किताब में उनकी भूमि एकड़ में दर्ज है। अब राजस्व विभाग के साफ्टवेयर में हेक्टेयर में भूमि की माप दर्ज की जाती है। लगभग ढाई एकड़ जमीन का एक हेक्टेयर होता है मगर आम किसान हेक्टेयर को आसानी से नहीं समझ पाते।
वे 100 डिसमिल बराबर एक एकड़ को आसानी से जानते हैं इसलिए साफ्टवेयर में भी हेक्टेयर की जगह एकड़ दर्ज होना चाहिए। हेक्टेयर के चक्कर में कई बार जमीन की रजिस्ट्री में भी दोखाधड़ी हो जाती है। राजस्व अभिलेखों से उर्दू , फारसी और अरबी के शब्दों की जगह हिन्दी के शब्दों का प्रयोग किया जाना चाहिए। शासन स्तर पर इसके लिए पहल की जानी चाहिए सभी शब्दों के लिए हिन्दी में शब्द हैं। जिसे समझने में आसानी होगी। गणेश शर्मा वरिष्ठ अधिवक्ता जांजगीर.
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